कोरोना से त्रस्त कॉमन मैन तरह-तरह की मुसीबतों से घिर गया है. पेट्रोल और डीजल के दामों में भारी बढ़ोतरी होने से एक तरफ किराया तो बढ़ा ही,साथ ही माल ढुलाई भी बढ़ जाने से सभी वस्तुएं महंगी होने जा रही है. इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान लोन की किश्त, स्कूल फीस और बिजली पानी के स्थगित किए गए बिल भी अब सामने विकराल रूप धारण कर आ गए हैं. अपनी थोड़ी सी आमदनी में लोगों के लिए इन सब खर्चों को पूरा करना असंभव हो रहा है. चिंता और तनाव के मारे आम आदमी सूखता जा रहा है ऐसी हालत में जयपुर में अगले हफ्ते लगातार आयोजित किए जाने वाले रक्तदान शिविरों में रक्तदान के लिए नेताजी अपील कर रहे हैं.लेकिन उन्हें शायद ये अहसास नहीं कि दान करने के लिए शरीर में रक्त होना भी जरूरी है,जोकि बेचारे कॉमनमैन के शरीर में सूखता जा रहा है.देखिये इस गंभीर विषय पर हमारे कार्टूनिस्ट का कटाक्ष.