पूरी दुनिया में मंडरा रहे कोरोना संकट के बीच अमेरिका में होने वाले चुनाव में इस बार खर्च के मामले में अब तक के सभी रिकॉर्ड टूटने की संभावना है। यह शायद दुनिया का सबसे महंगा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है। इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में 79,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। यह रकम भारत के लोकसभा चुनावों की तुलना में 50 प्रतिशत से भी ज्यादा है। यही कारण है कि इस चुनाव को दुनिया का सबसे महंगा चुनाव कहा जा रहा है.
ओपनसीक्रेट्स डॉट ओआरजी वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव अब तक का सबसे महंगा चुनाव होगा, भले ही संघीय समिति अब इस पर खर्च नहीं करती है। फेडरल कमेटी ने अब तक 7.2 बिलियन खर्च किए हैं। यह आंकड़े 15 अक्टूबर तक के हैं और अभी भी बढ़ सकते हैं। दूसरी ओर यदि भारत के चुनाव की बात की जाए तो भले ही कागजों में खर्च के मामले में भारतीय चुनाव अमेरिकी चुनाव से पीछे नजर आते हो, मगर भारतीय चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवारों के वास्तविक खर्चों को जोड़ा जाए तो कागजों में दिखाए खर्च के आंकड़ों से यह रकम बहुत ज्यादा हो जाएगी.हर चुनाव में इस तरह के आरोप लगाए जाते हैं कि पार्टियों में चुनावी टिकट की खरीद-फरोख्त चलती है.इसके अलावा प्रत्याशी भी चुनाव जीतने के लिए पानी की तरह पैसा बहाते हैं. वोटरों को तरह-तरह के प्रलोभन दिए जाते हैं. इस तरह हम कह सकते हैं कि भारतीय चुनाव में वास्तविक खर्च कागजों में दिखाएं खर्चों से बहुत ज्यादा होता है. देखिए इस मुद्दे पर कार्टूनिस्ट सुधाकर का कार्टून.