a biggest shivling in bihar

Hindustan Live 2018-02-08

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बात लगभग चार दशक पहले की है, जब लखीसराय के चौकी गांव के दो बच्चों ने जमीन खोद कर खेले जाने वाले खेल सतघरवा खेलने के दौरान काला पत्थर देखा। खोदने पर जब बच्चों से वह काला पत्थर नहीं निकल पाया, तो ग्रामीणों को सूचना दी। टीले की खुदाई की गई, तो वह काला पत्थर नहीं, बल्कि एक विशालकाय शिवलिंग निकला।

सात अप्रैल 1977 में मिला वही शिवलिंग आज लखीसराय जिले की पहचान बन चुका है। पाल वंश कालीन सातवीं-आठवीं सदी के राजा इंद्रदमन के नाम पर शिवलिंग का नाम इंद्रदमनेश्वर महादेव पड़ा, जबकि उसी अशोक नामक बालक के नाम पर धाम का नाम अशोकधाम पड़ा। कहा जाता है कि यह शिवलिंग प्रभु श्रीराम द्वारा पूजित भी है। कहा जाता है कि पालवंश के राजा इंद्रदमन भगवान शिव के अनन्य भक्त थे। उन्हीं ने मंदिरों का निर्माण कराया था, जो कालांतर में भूमिगत हो गए। इस शिवलिंग के देश में सबसे विशाल होने की भी बात कही जाती है।

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