सम्राट अशोक ने कलिंगा विजय से पहले झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा में पड़ाव डाला था। यहां स्वर्णरेखा नदी के किनारे कामाराड़ा गांव में वे रुके थे और यही शिवलिंग की भी स्थापना की थी। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार वह शिवलिंग आज भी गुड़िया पाल गांव में है। कलिंगा जाने से पहले सम्राट अशोक ने विजय के बाद यहां मंदिर स्थापित करने का वादा किया था, लेकिन युद्ध में बहे खून से विचलित होकर वे लौट कर दोबारा यहां नहीं आए।