शास्त्रों में भले ही खंडित शिवलिंग की पूजा वर्जित हो, लेकिन झारखंड प्रसिद्ध महादेवशाल मंदिर में खंडित शिवलिंग की पूजा की जाती है। डेढ़ सौ साल पहले बंगाल-नागपुर रेलमार्ग के निर्माण के दौरान बड़ैला गांव के पास शिवलिंग प्रकट हुआ। उससे दूध की धारा बह रही थी। मजदूरों ने काम बंद कर दिया, पर अंग्रेज अफसर ने शिवलिंग पर फावड़ा चला दिया। इससे शिवलिंग खंडित हो गया और खून निकलने लगा। अंग्रेज अफसर की तुरंत मौत हो गई थी। आज भी उनकी समाधि गांव के पास है।