कोरोना महामारी मैं स्वास्थ्य विभाग से मिलकर झोलाछाप डॉक्टर चला रहे हैं। अपनी डॉक्टरी हाल ही का मामला गांव सैनवा तहसील छाता में प्रकाश में आया है। झोलाछाप डॉक्टर बॉस के इलाज के दौरान 8 महीने की गर्भवती महिला सुमन को अपनी जान गंवानी पड़ी। जिसकी खबर प्रकाशन में ना आए इसके लिए डॉ. बॉस ने पत्रकारों को धमकी दे डाली और मृतक के पतिको डराया धमकाया जा रहा है। डॉ. बॉस की तो दबंगगिरी इतनी तगड़ी है उसने तो यहां तक कह दिया कि सीएमओ साहब से मेरे डायरेक्ट लिंक हैं। मेरा कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता। इसी डॉ. बॉस की 20 दिन पहले गांव में नशा के इंजेक्शन बेचने की शिकायत पर चोमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर जांच के लिए गए तमाम नशीली पदार्थ मिले। उसके बाद भी विभाग ने डॉ. बॉस पर कोई कार्यवाही नहीं की। इससे यह पता चलता है कि स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से झोलाछाप डॉक्टर फल फूल रहे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने समय रहते अगर कार्रवाई की होती तो शायद मृतक सुमन को अपनी जान गवानी नहीं पड़ती। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही इतनी भयंकर थी कि सुमन के पेट में पल रहा 8 महीने का बच्चे को भी इस धरती पर पैदा होने से पहले ही अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी।