चंडीगढ़ में कन्फेक्शनरी की दुकान पर काम करने वाले बिहार निवासी मजदूर भूखे प्यासे साइकिल पर सफर करने को मजबूर हो रहे हैं। प्रशासन ने मजदूरों को शेल्टर होम में रखकर रख रखा है,लेकिन मजदूर किसी भी तरह अपने घर वापस लौटना चाह रहे हैं। एक दिन पूर्व कैराना के खादर क्षेत्र के गांव खुरगान में यमुना के रास्ते निकल कर करीब तीन दर्जन मजदूर साइकिलों द्वारा बिहार जा रहे थे। जिस पर पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर सभी मजदूरों को दि न्यू हाइट्स एकेडमी में बनाए गए शेल्टर होम में पहुंचा दिया था। शुक्रवार को शेल्टर होम में रह रहें बिहार निवासी प्रवासी मजदूर रामदुलार कुमार ने बताया कि वें करीब 32 लोग शेल्टर होम में मौजूद हैं। सभी चंडीगढ़ में कन्फेक्शनरी की दुकानों पर काम करते थे। जिस कारण उनके सामने खाने पीने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई। उनके पास पैसे भी खत्म हो गए थे। वहीं उन्होंने जैसे-तैसे कर अपने एक साथी से कुछ रुपए उधार लिए तथा 4300 रुपए की एक-एक साइकिल खरीदी। सभी साथी साइकिलों पर अपना जरूरत का सामान लेकर लोकल रास्तों से होते हुए बिहार के लिए रवाना हो गए थे। किसी तरह निकल गए और अब कैराना में आकर पुलिस प्रशासन ने उनको शेल्टर होम में रखे हुआ हैं। उनका कहना हैं कि उनको किसी भी तरह उनके घर पर भेज दिया जाए। एसडीएम देवेंद्र सिंह ने बताया कि बसों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को नाम पते दर्ज कर बसों के माध्यम से उनके जनपदों व राज्यों में भेजा जा रहा हैं। अन्य जो मजदूर साइकिलों के माध्यम से आ रहे हैं उनको शेल्टर होम में रखा गया हैं। उनकी मेडिकल जांच के बाद ही उनको भेजा जाएगा। जरूरत पड़ने पर उनको 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन भी किया जा सकता है।