लॉकडाउन लगने के बाद प्रवासी मजदूर पैदल चलने को मजबूर है। कैराना में लगातार प्रवासी मजदूरों का आना लगातार जारी है। सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर प्रवासी मजदूर हाईवे छोड़ खेतों और यमुना के रास्ते पैदल ही सफ़र तय करने को मजबूर हैं। जिनमें मासूम बच्चों से लेकर महिलाएं व पुरुष भी शामिल हैं। लाॅक डाउन लगने के बाद प्रवासी मजदूर पैसे खत्म होने पर अपने गंतव्य की ओर पैदल ही चल रहे हैं। कई दिन से रुक-रुक कर प्रवासी मजदूरों का कैराना में आना जारी है। हरियाणा, पंजाब व राजस्थान से पैदल आने वाले मजदूर यूपी हरियाणा बॉर्डर से ने आकर खेतों व यमुना में पैदल चलने को मजबूर हो रहें। बृहस्पतिवार की सुबह यूपी हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस ने यमुना पार कर रहे करीब 25 मजदूरों को एक भरकर बॉर्डर पर पहुंचाया। जहां पर लेखपालों की टीम ने सभी मजदूरों के नाम पते नोट करने के बाद उनको कैराना स्थित राधा स्वामी सत्संग भवन में बनाए गए शेल्टर होम में भिजवाया। दीपक नाम के प्रवासी मजदूर ने बताया कि वें 25 लोग हरियाणा के काबडी से पैदल आते हैं। जिनमें कुछ महिलाएं व छोटे बच्चे भी शामिल हैं। वें सभी यमुना से नाव के द्वारा पार हुए हैं। यमुना पार कराने के लिए प्रत्येक मजदूर से 150 रुपए लिए गए हैं। आज पुलिस ने उनको एक वाहन में भरकर यूपी हरियाणा बॉर्डर पर पहुंचाया। जहां उनके नाम पते नोट किए गए हैं। मजदूरों ने बताया कि हरियाणा में रहते समय उनके पास पैसे खत्म हो गए थे। किराए का मकान था मकान मालिक किराया मांग रहा था। जिस कारण मकान मालिक ने मकान खाली करा दिया। उनके सामने खाने-पीने के तंगी आ खड़ी हुई थी। जिस कारण वें अपने घरों के लिए पैदल ही निकल पड़े।