कोलकाता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंच पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाराज हो गईं। यहां तक कि उन्होंने 'पराक्रम दिवस' कार्यक्रम में भाषण देने से भी इनकार कर दिया। दरअसल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जब मंच पर भाषण देने के लिए बुलाया गया तो उससे पहले जय श्रीराम के नारे थे। जिसके बाद मंच पर पहुंचते ही मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को बुलाकर उसकी बेइज्जती करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि "मुझे लगता है कि सरकार के कार्यक्रम में गरिमा होनी चाहिए। यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। किसी को आमंत्रित करने के बाद अपमान करना शोभा नहीं देता। विरोध के रूप में, मैं कुछ भी नहीं बोलूंगी।" विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित हुए कार्यक्रम की इस घटना को लेकर बंगाल बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट करते हुए कहा, "जय श्रीराम के नारे से स्वागत, ममताजी अपमान मानती है. कैसी राजनीति है!" वहीं बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, "ममता बनर्जी ने विश्व भारती के शताब्दी समारोह में जाने से इनकार कर रवींद्रनाथ टैगोर की विरासत का अपमान किया। नेताजी की जयंती समारोह के अवसर पर अपना भाषण न देकर उन्होंने ऐसा ही किया है।" वहीं टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने ट्वीट करते हुए कहा,राम का नाम गले लगाके बोले ना कि गला दबाके। मैं स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती समारोह की विरासत को मनाने के लिए सरकारी कार्यों में राजनीतिक और धार्मिक नारों की जोरदार निंदा करती हूं।