देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. ताजा समाचार मिलने तक संक्रमितों की कुल संख्या 66 लाख 80 हजार से भी ज्यादा हो गई है. कोरोना की तेज रफ्तार को देखते हुए सरकार ने अब आयुर्वेद पद्धति से भी कोरोना के इलाज की मंजूरी दे दी है. आयुष मंत्रालय ने मंगलवार को इस बारे में आयुर्वेद और योग पर आधारित राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंध प्रोटोकोल जारी किया है.इस प्रोटोकालका पालन करते हुए आयुर्वेद चिकित्सक कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों का इलाज कर सकेंगे.साथ ही कोरोना मरीज आयुर्वेद अस्पतालों में भर्ती भी हो सकेंगे. सरकार द्वारा अलग-अलग चिकित्सा पद्धतियों से कोरोनावायरस को काबू में करने के प्रयास जारी हैं, मगर वायरस पर वास्तव में लगाम तभी लगाई जा सकेगी जब लोग जागरूक होंगे. यह देखने में आ रहा है कि कोरोना वायरस के भयावह रूप लेने के बावजूद बहुत से लोग चिकित्सकों द्वारा तय गाइडलाइन की पालना नहीं कर रहे हैं. वे सार्वजनिक स्थानों पर न तो मास्क का ही प्रयोग कर रहे हैं और नहीं उचित दूरी बना कर रख रहे हैं .ऐसे में सरकार को चाहिए कि पहले ऐसे लोगों का कठोर दंड की पद्धति से इलाज करें तभी ये बीमारी काबू में आएगी. देखिए इस मुद्दे पर कार्टूनिस्ट सुधाकर का नजरिया