कानपुर में मुठभेड़ के दौरान 8 पुलिसकर्मी हुए शहीद: वीडियो रिपोर्ट

Bulletin 2020-07-03

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हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के चौबेपुर स्थित गांव बिकरू से चार किलोमीटर आगे काशीराम निवादा गाँव में पुलिस और बदमाशों की मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मी शहीद। कौन हैं अपराधी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे? बीजेपी सरकार के मंत्री को थाने में घुसकर मारी गोली, बड़े-बड़े नेताओं का इस डॉन पर हाथ। उसने होश संभालते ही आराराम-गयाराम की दुनिया में कदम रख दिया। दो दर्जन युवकों के सथ अपना खुद का गैंग बना, लूट, डकैती मर्डर जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देने लगा। आलम ये था कि कानपुर नगर से लेकर देहात तक में इसकी सल्तनत कायम थी। पंचायत, निकाय, विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव के वक्त राजनेताओं को बुलेट के दम पर बैलेट दिलवाना इसका पेशा बन गया। इसी दौरान इसके संबंध सपा, बसपा, भाजपा के बड़े नेताओं से हो गए। 2001 में इसने भाजपा सरकार के दर्जाप्राप्त मंत्री को थाने के अंदर घुसकर गोलियों से भून डाला था। हाई प्रोफाइल मर्डर के बाद शिवली के डॉन ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया और कुछ माह के बाद जमानत पर बाहर आ गया। इसके बाद इसने राजनेताओं के सरंक्षण से राजनीति में इंट्री की और नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीत गया था। हम बात कर रहे हैं शिवली क्षेत्र के बिकरू गांव निवासी विकास दुबे की जिसके खिलाफ 52 से ज्यादा मामले यूपी के कई जिलों के थानों में चल रहे हैं। इस पर पुलिस ने हजारो का इनाम रखा हुआ था। हत्या व हत्या के प्रयास के मामले पर पुलिस इसकी तलाश कर रही है। विकास दुबे पुलिस से बचने के लिए कई पैंतरे अपनाता रहता है। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की यूपी के चारों राजनीतिक दलों में अच्छी पकड़ थी।

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