इंदौर: बिना काम किए तनख्वाह ले रहे वकीलों की निगम करेगा छुट्टी, होगी समीक्षा

Bulletin 2020-06-30

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आर्थिक तंगी से जूझ रहा इंदौर नगर निगम अपनी फिजूलखर्ची पर भी लगाम कस रहा है। इसी का नतीजा है कि निगम के 21 अभिभावकों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद निगम ने अब उनके कार्य की समीक्षा के आधार पर ही उन्हें पुनः नियुक्ति देने का निर्णय लिया है। दरअसल नगर निगम में वर्तमान में लगभग 40 वकीलों की लंबी फौज हाई कोर्ट और जिला कोर्ट में निगम का पक्ष रख रही है। हालांकि इनमें से ज्यादातर वकीलों को अब तक निगम द्वारा कोई भी केस पैरवी के लिए नहीं दिया गया है, फिर भी फिक्स वेतन के तहत नगर निगम द्वारा इन्हें 15 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक प्रतिमाह वेतन दिया जा रहा था। निगम आयुक्त प्रतिभा पाल के पास जब इस बात की शिकायत पहुंची तो उन्होंने निगम में अनावश्यक वकीलों की नियुक्ति पर अंकुश लगा दिया। 40 में से जिला कोर्ट के 6 और 15 हाई कोर्ट के वकील जिनका 1 वर्ष का सेवाकाल समाप्त हो चुका है, निगम द्वारा फिलहाल इन्हें पुनः नियुक्ति नहीं दी गई है। निगम आयुक्त प्रतिभा पाल के मुताबिक इन वकीलों के कार्यों की समीक्षा के आधार पर ही इन्हें पुनः नियुक्ति दी जाएगी।

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