5 मई को विश्व कार्टूनिस्ट डे के रूप में मनाया जाता है .अपने व्यंग्य के तीखे बाणों से समसामयिक मुद्दों पर कटाक्ष करने वाले कार्टूनिस्टों की कला को समर्पित यह दिन व्यंग्य और हास्य को पसंद करने वाले लोगों के लिए बेहद खास होता है. आमतौर पर देश और विदेश में इस दिन कई तरह की कार्टून प्रतियोगिताएं और आयोजन होते हैं सोशल मीडिया पर भी सटायर और ह्यूमर की धूम रहती है मगर पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना के खतरे के कारण आम जन की जिंदगी से हास्य लगभग गायब सा ही हो गया है. लोग चिंतित और परेशान है. वहीं कार्टूनिस्ट भी इस बार घर की लक्ष्मण रेखा के अंदर रहकर ही अपने कार्टूंस की रेखाएं खींच रहे हैं .लोगों के चेहरे से हंसी गायब हो गई है. अब तो यह हाल है कि एक चिंतित आम आदमी को कार्टून देख कर भी हंसी नहीं आती कार्टूनिस्टों को भी इस बात की पीड़ा है कि संकट के समय लोग उनके कार्टून का वैसा आनंद नहीं ले पा रहे जैसा आमतौर पर लेते हैं. फिर भी विभिन्न माध्यमों से अपने कार्टूनों द्वारा लोगों के चेहरे पर थोड़ी सी हंसी लाने का प्रयास कार्टूनिस्ट कर रहे हैं. कार्टूनिस्टों के इसी प्रयास को सलाम करता यह कार्टून देखिए कार्टूनिस्ट सुधाकर सोनी के नजरिए से
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