आम आदमी की ठहरी हुई जिंदगी की हालत बता रहे हैं उसके जूते देखिए इस मुद्दे को कार्टूनिस्ट सुधाकर सोनी के नजरिए से

Patrika 2020-05-09

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देश में 17 मई तक लगाया गया लॉक डाउन जारी है. अलग-अलग चरणों में लगाया गया यह लॉक डाउन लगभग डेढ़ महीने लंबा हो गया है. इतने लंबे समय तक लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हो गए हैं. हालांकि सरकार ने संक्रमण के असर के हिसाब से देश के जिलों को तीन अलग-अलग जोन में बांट दिया है जो कि रेड ग्रीन और ऑरेंज जॉन है और इसी हिसाब से सरकार ने लोक डाउन में रियायत दी है मगर विभिन्न कंपनियों के दफ्तर अभी भी बहुत कम उपस्थिति के साथ खोले जा रहे हैं .ऐसे में कई कर्मचारी और नौकरी पेशा लोग घर से ही दफ्तर का काम कर रहे हैं .लोग सामान्य जरूरत की चीजें भी एक बार में खरीद कर रख रहे हैं ताकि उन्हें बार-बार बाजार न जाना पड़े. सब्जी और दूध जैसी चीजें खरीदने के लिए भी लोग हवाई चप्पल पहनकर ही आमतौर पर जा रहे हैं. ऐसे में दफ्तर जाने के लिए पहने जाने वाले जूतों को लंबे समय से नहीं संभाला गया है और इन पर गर्द जम गई है . कहीं कहीं तो मकड़ी ने इन पर जाले भी बना लिए हैं. ऐसे में यह संभावना भी बनती है कि कहीं कोई चिड़िया लंबे समय तक जूतों को एक ही जगह पर पड़े देखकर इनमें अपना घोंसला ही न बना लें. जूतों की यह हालत अपने आप में आम आदमी की ठहरी हुई जिंदगी की दास्तां बयां करती है और इसी कहानी को अपने अनोखे अंदाज में पेश किया है हमारे कार्टूनिस्ट सुधाकर सोनी ने

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