Coronavirus: डॉक्टर बोले- हमें फाइव स्टार व्यवस्था नही चाहिए, सुरक्षा तो मिले

Bulletin 2020-04-23

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सूबे के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा जिस रायबरेली जिले के प्रभारी मंत्री हैं। वहां के आइसोलेशन सेंटर के डाक्टर्स जान हथेली पर रखकर कोरोना वायरस से ग्रस्त मरीजो का इलाज कर रहे। इन्हें न रहने के लिए सही कमरा, न खाने के लिए उचित भोजन और न ही नहाने के लिए उचित स्थान मिल रहा। हैरत की बात ये कि पानी भी नपा तुला मिल रहा। सुरक्षा की दृष्टि से दी गई पीपीई किट भी राम भरोसे है। एक डॉक्टर ने अपनी आपबीती का वीडियो जारी किया है। डाक्टर ने बताया कि सोने की व्यवस्था ऐसे दी गई है के एक स्कूल है जिसमे बड़े-बड़े क्लास रूम हैं और उसमे चार बेड लगाकर के दे दिए गए हैं। इसके अलावा यहां तीन जेण्ट्स वाशरूम हैं और तीनो चोक हैं, शिकायत पर एक सचल शौचालय बाहर खड़ा कर दिया गया है। नहाने के लिए बाथरूम नही है, रात भर लाइट नही थी, सुबह से नाश्ता पानी कुछ नही आया। पीने का पानी नही है, एक बॉटल पानी 20 लीटर का आया 11:30 बजे, जो कहा गया 25 लोगों के स्टाफ में परडे दिया जाएगा। हम जानना चाहते हैं के हम लोग अगर मरीज को देख रहे हैं तो क्या एक्टिव क्वारैनटाइन के लिए यही मानक हैं? प्रशासन क्या हम लोगों की लाइफ से खिलवाड़ करना चाहता है या वो चाहता है के डाक्टर जाए ड्यूटी करें, पाजिटिव होंगे तो हम बाद में इलाज कर लेंगे।

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