आज भले ही आप उन्हें अरविंद केजरीवाल के नाम से जानते हों, लेकिन हरियाणा के उस छोटे से गांव के लिए आज भी वो कृष्ण है। हिसार के सिवानी मंडी में जन्में अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हुआ। सिवानी मंडी से चार किलोमीटर दूर खेड़ा गांव में 1947 से पहले अरविंद केजरीवाल के दादा मंगलचंद आकर बसे थे। उस दिन जन्माष्टमी थी...सो घर में नन्हें कन्हैया के आने से पूरा घर उन्हें कृष्ण कहकर बुलाने लगा। फिर तो घर, पड़ोस और गांव के लिए वो अरविंद केजरीवाल नहीं बल्कि कृष्ण ही हो गए। बताया जाता है कि राजनीति अरविंद केजरीवाल के खून में है। क्योंकि उनके दादा मंगलचंद अपने जमाने के धाकड़ राजनीतिज्ञ रहे। उस जमाने में हरियाणा में चौधरी बंसीलाल का दबदबा हुआ करता था। साल 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में भिवानी संसदीय क्षेत्र से बंसीलाल की हार में सबसे बड़ा योगदान भी मंगलचंद का ही रहा। क्योंकि केजरीवाल के दादा मंगलचंद ने बंसीलाल के खिलाफ मोर्चा संभाला और अपनी दुकान में ही जनता पार्टी की प्रत्याशी चंद्रावती का चुनाव प्रचार कार्यालय खोला। चन्द्रावती के लिए घर-घर जाकर वोट मांगे थे। उस समय चौ. बंसीलाल ने मंगल चंद को मनाने की कोशिश भी की लेकिन जुबान के धनी समझे जाने वाले दादा मंगल चंद ने जनता पार्टी का साथ नहीं छोड़ा। उस समय चंद्रावती की रिकॉर्ड तोड़ मतों से जीत भी हुई थी।