दिल्ली में आम आदमी पार्टी की वापसी हो चुकी है। आप कार्यालय में जश्न है। वहीं भाजपा के चाणक्य खाने चित्त नजर आ रहे हैं। 40 रोड शो और 40 रैलियां बेकार गई। मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक पूरी खेप दिल्ली में उतारने वाली भाजपा दहाई का अंक भी नहीं पार कर पाई है। दिल्ली का राजनीतिक सूखा दो दशक से खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। वह भी तब जब प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत केंद्रीय मंत्रियों की पूरी फौज उतार दी। शाहीन बाग से लेकर पाकिस्तान तक भाजपा ने मुददा बनाया तो कुछ ने गोली मारो कहकर राष्ट्रवाद फैलाया। तीन गोलीकांड भी हो गए। इतना ही नहीं कुछ भाजपा नेताओं ने तो भारत—पाकिस्तान जैसा माहौल भी तैयार करने की कोशिश की लेकिन राजनीति की नौसिखिया आम आदमी पार्टी के सामने एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी पानी मांग गई है। सोशल मीडिया का कैंपेन औंधे मुंह गिर गया। ऐसे में अब हम आपको बता रहे हैं कि ऐसे कौन से 15 फैक्टर हैं जिसकी वजह से अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित के बाद हैट्रिक लगाई और तीसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी अपनाई है। इस चुनाव में एक बात साफ हो गई है कि अब पोलराइजेशन, सोशल मीडिया, वन मैन शो, राष्ट्रीय मुददे और शाहीन बाग जैसे कांड किसी को भी चुनाव नहीं जितवा सकते हैं।