हिन्दुस्तान शिखर समागम में पूर्व चीफ आफ आर्मी स्टाफ जनरल बिक्रम सिंह ने कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ युद्ध होने की कोई आशंका नहीं है। जो छोटी-छोटी घटनाएं होती हैं वो एलओसी पर होती हैं... सरहद पर नहीं।
उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान पर काफी मज़बूत चोट थी। ये आर्मी का बेहतरीन प्रयास था। ऐसी कार्रवाई चलती रहती है। हालांकि सरकार के सहयोग से आर्मी का मनोबल बढ़ता है।
पाकिस्तान को लेकर मोदी या मनमोहन किसका नज़रिया साफ़ रहा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कह,
मैं तुलना नहीं कर सकता। मैं दोनों को सलाम करता हूँ।
बिक्रम सिंह ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक की घोषणा जनता के लिए होनी चाहिए। इससे पाक को पता चला कि अब हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। बहुत हो गया। सेना एलओसी पर हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठती। मुँह तोड़ जवाब देती है।
उन्होंने कहा, सर्जिकल स्ट्राइक एक हथियार है जब दुश्मन हमें न देख रहा हो तब उस पर हमला करना। एक रणनीति है। प्रधानमंत्री की भूमिका पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा,एलओसी पर फोर्स का इस्तेमाल करने का हक़ सेना का है। लेकिन उसके आगे की कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री को निर्णय लेने होते हैं।
सुबूतों की राजनीति पर पूछ गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा,भारतीय सेना का सिपाही छोटी सी सैलरी के लिए नहीं जाता। वो आपको सुरक्षा देने जाता है। सिपाही पर शक नहीं करना चाहिए।
घुसपैठ को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ये कोई दीवार नहीं जिसे कोई पार नहीं कर सकता। ये एक पूरा सिस्टम है। सिपाहियों की कमी भी है। वहां नाले है, झाड़ियां हैं। हर जगह सिपाही नहीं रह सकते। हमारे सिपाही सोते नही हैं। कई बार कुछ वजह से घुसपैठिये घुस आते हैं। लेकिन हमारे जवान अपनी पूरी कोशिश करते हैं।