फिल्म अभिनेता जॉन अब्राहम ने हिन्दुस्तान शिखर समागम में कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने युवाओं को संदेश भी दिया और फिट रहने का मंत्र भी बताया। उन्होंने भारतीय युवा के नजरिए से अपनी बात को भी रखा।
कुछ अलग करने का जज़्बा कहाँ से आया? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, जज्बा पहले से था लेकिन फिल्म से एक माध्यम मिलता है। जॉन ने कहा कि मैं कुछ बनने की कोशिश नहीं करता। मेरी मां मेरे पापा आज भी ऑटो में चल लेते हैं।
एचटी मीडिया द्वारा संचालित एफएम चैनल फीवर की भी उन्होंने तारीफ की। उन्होंने कहा कि अकेले होने पर आपको खुद के लिए लड़ना पड़ता है। ऐसा कभी नहीं लगा कि ये जगह मेरे लिए नहीं है। हमने मद्रास कैफ़े बनाई, विकी डोनर बनाई क्योंकि हम इंडस्ट्री का नजरिया बदलना चाहते हैं। मद्रास कैफे मेरे लिए ख़ास है।
नोटबंदी पर जॉन ने कहा कि सरकार की नीयत अच्छी थी। उन्होंने कहा कि मैं बॉलीवुड का हिस्सा हूं लेकिन मैं अवॉर्ड समारोह में नहीं जाता। मेरा एक हिस्सा बाहर वाला भी है। मैं सुबह साढ़े 4 बजे उठ जाता हूं।
युवाओं को जॉन ने कहा कि हेलमेट पहनना बहुत ज़रूरी है। अगर आप कहीं शराब पीकर गिर रहे हों तो ये कूल नहीं है। फिट रहने के लिए जॉन ने कहा कि शुगर, ऑयल और चॉकलेट न खाएं।
किसी पत्रकार पर बहुत गुस्सा आया है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, हां आया है। मैं बस उसकी तरफ देखता हूँ।
उन्होंने कहा कि मैं अपने माँ के बहुत करीब हूँ। मैं धार्मिक नहीं हूँ। अगर कोई भगवान है तो वो माँ है। मैं एक असली हीरो बनना चाहता हूं। आज देश बदल गया है हम घुस कर मारते हैं। उन्होंने कहा कि ओल्ड ऐज होम पर हमें काम करना चाहिए।