हिन्दुस्तान शिखर समागम के मंच से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत क्षमताओं का देश है। लेकिन ये सिर्फ आर्थिक क्षमता पर नहीं है। हमारे मूल्यों की भी खास क्षमता है। उन्होंने आगे कहा कि केवल शिक्षा नहीं, हमें नौकरी चाहिए। वोकेशनल ट्रेनिंग देनी होगी। युवा धक्के खा रहे हैं। स्किल डेवेलपमेंट से नौकरी भी मिले। अच्छे दिन वाली सरकार ने नौकरी का वादा किया। लक्ष्य की पूर्ति नहीं हो सकी।
ज्योतिरादित्य ने आगे कहा कि किसान का हाल देखो। किसान ख़ुदकुशी कर रहा है। महंगाई की तो बात मत करिये। पहले कहावत थी घर की मुर्गी दाल बराबर... आगे क्या कहा जाये।
सवाल- कांग्रेस क्या गीता के श्लोक की तरह चल रही है?
जवाब- कुछ कमियां रही हैं, इसीलिए कांग्रेस के साथ ऐसा हुआ। लेकिन अब हम काम कर रहे हैं।
सवाल- युवाओं को पार्टी में कब सही जगह मिलेगी?
जवाब- मैं नहीं मानता कि देश को बुज़ुर्गों और युवाओं में बाँटना चाहिए। काम के हिसाब से ज़िम्मेदारी मिलनी चाहिए।
सवाल- आपकी और अखिलेश की जब एक ही सोच है, तो गठबंधन क्यों नहीं?
जवाब- सीएम अखिलेश की बात एक नहीं है। वो पिछली बार कुछ और कह रहे थे और आज कह रहे हैं कि दिल्ली नहीं जाना चाहते। हमें आत्मा की आवाज सुननी चाहिए। जो सही है वो सही है। जो गलत है वो गलत है। अगर बीमारी को सही समय पर रोका न जाये तो वो बड़ी हो जाती है।