लखनऊ के होटल ताज विवांता में शनिवार को आयोजित हिन्दुस्तान शिखर समागम में देश की नाम-गिरामी हस्तियों ने शिरकत की। किसी ने राजनीति के गुर सिखाए...तो किसी ने छोटे शहरों में सितारों के पैदा होने की कहानी बयां की...। संस्कृति से लेकर बॉलीवुड तक और घरानों से लेकर राजनीति के दावों तक की परख हुई। विचारों की इस कड़ी की शुरुआत यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने की। भाजपा के रोष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह चुनाव में होने वाले वादों, दावों और चुनौतियों की सच्चाई को सबके सामने लाए। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि इस देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की चुनौतियां क्या-क्या हैं। शिखर समागम में पूर्व चीफ आफ आर्मी स्टाफ जनरल बिक्रम सिंह का जोर देकर कहा कि सीमाएं सुरक्षित होंगी, तो ही हम सुरक्षित रह सकेंगे।
सिनेमा देख कर समाज बदलता है या फिर समाज की परछाई सिनेमा में दिखती है। समागम में इस पर हुई चर्चा में बॉलीवुड अभिनेता जॉन अब्राहम ने विचार रखे। सुपरस्टार ऋतिक रोशन ने राजनीतिक-फिल्मी घरानों पर अपनी राय रखी। वहीं, बॉलीवुड कलाकार हेमा मालिनी और राज बब्बर भी शिखर समागम का हिस्सा बने। इन्होंने बताया कि जब कोई कलाकार राजनीति का हिस्सा बनता है, तो उसे क्या-क्या तकलीफें होती हैं... उसे कैसा महसूस होता है। पूर्व ओलम्पिक खिलाड़ी व राष्ट्रीय कोच पी गोपीचंद और अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने बताया कि कैसे छोटे शहरों से बड़े सितारे निकलते हैं। समागम में सांस्कृतिक मूल्यों पर भी बात हुई। भारतीय संस्कृति में आधुनिकता व आधुनिकता में संस्कृति पर आयोजित सत्र में आध्यात्मिक व योग गुरु बाबा रामदेव ने विचार रखे।