चुनाव के दौरान धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगा जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रत्याशी और उसके विरोधी व एजेंट की धर्म, जाति और भाषा का इस्तेमाल वोट मांगने के लिए नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया की अगर कोई उम्मीदवार ऐसा करता है तो ये जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत भ्रष्ट आचरण माना जाएगा।