महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार कई योजनाएं चला रही है। इन्हीं में से एक योजना है लखपति दीदी योजना। इस योजना ने ग्रामीण महिलाओं का जीवन बदलकर रख दिया है। लखपति दीदी योजना के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं आज आत्मनिर्भर हैं। ये महिलाएं आज अपने साथ-साथ अपने परिवारों को भी अच्छा जीवन दे रही हैं। इन्हीं लाभार्थी महिलाओं में वैशाली के मदरना पंचायत के विशनपुर गांव की नीलम देवी भी शामिल हैं। पति की मौत के बाद नीलम देवी को अपने दो बेटियां और एक बच्चों के भविष्य को लेकर बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। वह अपने गांव के चंपा स्वयं सहायता समूह से जुड़ गईं। उन्हें समूह से 10,000 रुपये का लोन दुकान बनाने के लिए मिला। दुकान में सामान भरने के लिए और 20 हजार रुपए और मिले। वहीं, मदरना पंचायत की ही शारदा देवी भी लखपति दीदी योजना से जुड़कर आज एक सफल उद्यमी बन गई हैं। शारदा देवी पहले दूध सेंटर चला रही थीं, जो बाढ़ के कारण बंद हो गए। इसके बाद वह चंपा जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं। 20,000 रुपये के ऋण से उन्होंने एक किराने की दुकान खोली। अपने घर पर एक दूध संग्रह केंद्र भी स्थापित किया। इस पहल ने जल्द ही गति पकड़ी और आस-पास के गांवों के किसानों ने दूध की आपूर्ति शुरू कर दी, जिससे एक संपन्न स्थानीय नेटवर्क बन गया।
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