कल 21 जनवरी मौनी अमावस्या का उपवास, स्नान और दान करने का दिन है। माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन मौन रहने का बड़ा महत्व है। व्रत रखने वालों को मौन रहते हुए व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए। मौनी अमावस्या के दिन श्रीहरि का पूजन किया जाता है। कई श्रद्धालु मौनी अमावस्या के दिन व्रत भी रखते हैं। मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने का भी विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार उच्चारण करके जाप करने से कई गुणा अधिक पुण्य मौन रहकर हरि का जाप करने से मिलता है। आइए जानते हैं मौन व्रत क्या है और उसका क्या महत्व है।
Tomorrow 21st January is Mauni Amavasya's day of fasting, bathing and donating. The new moon of Magh month is called Mauni Amavasya. There is a great importance of being silent on this day. Those observing the fast should follow the rules of the fast while remaining silent. Sri Hari is worshiped on the day of Mauni Amavasya. Many devotees also keep fast on the day of Mauni Amavasya. There is also a special significance of observing silent fast on the day of Mauni Amavasya. According to the scriptures, one gets many times more merit by chanting Hari silently than by chanting it. Let us know what is silent fast and what is its importance.
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