Gout or arthritis is a type of proactive arthritis that affects the joints. According to health experts, when the level of uric acid in the body increases, then this disease takes people in its grip. Uric acid is a natural waste product in our body from the digestion of purine-rich food. In a healthy body, the kidneys flush out uric acid. But, when its level in the body increases, the filtering capacity of the kidney decreases and uric acid is not able to get out. Apart from gout, this weight keeps the risk of diseases like arthritis, high blood pressure and kidney damage. This is the reason why it is important to keep the uric acid level under control.
गाउट या गठिया प्रोएक्टिव अर्थराइटिस का एक प्रकार है जो जोड़ों पर असर डालता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब शरीर में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है तो ये बीमारी लोगों को अपनी चपेट में लेती है। यूरिक एसिड हमारे बॉडी में प्यूरीन वाले खाने के पाचन से बना नेचुरल वेस्ट प्रोडक्ट होता है। स्वस्थ शरीर में किडनी यूरिक एसिड को क्लश आउट कर देती है। लेकिन,जब बॉडी में इसका लेवल बढ़ जाता है तो किडनी की फिल्टर करने की क्षमता घट जाती है और यूरिक एसिड बाहर नहीं निकल पाता है। इस वजन से गाउट के अलावा, अर्थराइटिस, हाई ब्लड प्रेशर और किडनी डैमेज जैसी बीमारियों का खथरा बना रहता है। यही वजह है कि यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल में रखना जरूरी होता है।
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