शाजापुर। शुजालपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित अवंतिपुर बड़ोदिया के बाबा गरीब नाथ धाम पर रंग पंचमी पर होने वाले परंपरागत मेले को प्रशासन द्वारा स्थगित करने के बावजूद यहां आने वाली हजारों लोगों की भीड़ को प्रशासन नहीं रोक पाया। बीते करीब 725 साल से बाबा गरीबनाथ धाम की समाधि पर खड़े 90 फीट ऊंचे 13 टन वजनी सागौन की लकड़ी से बने ध्वज को उतारने-चढ़ाने के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती है। किवनदती अनुसार संत की जीवित समाधि के ऊपर 20 फीट गहरे गड्ढे में स्थापित किए गए इस ध्वज को गाड़ने के लिए गड्ढे में नारियल, पान के पत्ते, नमक व अगरबत्ती को मिट्टी के साथ डाला जाता है, जो साल भर बाद भी हूबहू निकलते हैं। लोग मनौती के नारियल डालने यहां दूर-दूर से आते हैं। रंग पंचमी की सुबह हजारों लोगों की भीड़ में मौजूद रहे प्रशासन अमला यहां मास्क पहनने की समझाइश देने की जगह इंतजामों में व्यस्त दिखाई दिया। आस्था का सम्मान जरूरी है, लेकिन इस सम्मान में कोरोना के खौफ को भुलाकर बिना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराए लोगों को हुजूम के रूप में शामिल होने देने की मौन अनुमति जिला प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाती है।