इंदौर मैराथन का आज सुबह आयोजन हुआ। इंदौर मैराथन में दौड़ने के लिए अलग अलग उम्र के लोेग दौड़े। इनका जोश बढ़ाने के लिए हर चौहारे पर ढोल बज रहे थे। हर बरस इंदौर मैराथन में पच्चीस हजार लोग दौड़ते है, लेकिन कोरोना प्रोटोकाल के चलते इस बार पांच हजार लोगो को इजाजत थी। सुबह साढ़े चार बजे से इक्कीस और दस किमी की दौड़ के लिए धावकों का जमावड़ा हो गया। इनाम तो नहीं था लेकिन जोश भरपुर था। सुबह पौने छह बजे इक्कीस किमी की मैराथन में आधा इंदौर घुमने के बाद वापस नेहरू स्टेडियम पहुंची। इसके बाद मिनी मैराथन और शार्ट मैराथन को रवाना किया। यहां धावको के लिए मास्क तो जरूरी था लेकिन शरीर का तापमान सही न होने के कारण कुुछ धावको को लौटा दिया गया।
इक्कीस किमी की मैराथन में शिवाजी वाटिका, पलासिया और रीगल तिराहा और गांधी हॉल, राजवाड़ा , एलआईजी, तीन पुलिया, विजय नगर पर ढोल से स्वागत कर भारत माता की जय के नारे लगाए। पलासिया चौराहे से हर मैराथन का रूट बदला तो ढोलक का बंदोेबस्त तो स्टार्टिंग प्वाइंट पर ही नजर आए। पैतालिस मिनट के तक तो अंधेरा ही रहा। इसलिए टार्च जलाकर दौड़ना पड़ा।