अमेठी- एक के बाद एक दुखों का पहाड़ टूटने के बाद विधवा आज भी अपने अधिकार के लिए दर दर भटक रही है। कच्ची कुटिया में जैसे तैसे गुजर कर रही तहसील क्षेत्र मुुसाफिरखाना के गांव चन्दीपुर की गरीब विधवा महिला श्यामपती,जो करीब 10 वर्ष पहले विधवा हो गई थी। इसके बाद से वह अपने बेटे वीरेंद्र के साथ जीवन गुजार रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य आवासीय योजना आने के बाद उसके जेहन में एक पक्के आवास में रहने की आस जागी। ग्राम प्रधान से लेकर सचिव तक उसने गुहार लगाई,लेकिन उसके हाँथ खाली के खाली रह गए। विधवा श्यामपती का कहना है कि पिछले बरसात में उसके कच्चे मकान का एक बड़ा हिस्सा गिर गया था।जिसकी सूचना उसने ग्राम प्रधान सहित अन्य लोगों को दी थी,लेकिन उसे किसी भी तरह की सहायता नहीं मिली।उसका अंत्योदय कार्ड बना है,अब वह परिवार के जीवन यापन के लिए बतौर सहायिका काम रही है जिससे किसी तरह से उसका जीवन यापन हो रहा है। उसका कहना है कि पति के देहांत के बाद वह इसी कच्चे मकान में रह रही है,जो अब कई जगह जर्जर हो चुका है।