कलयुग की गंगा है मां नर्मदा आज भी मां नर्मदा अपने भक्तों को सब कुछ देती है । जो भक्त सच्ची आस्था ,श्रद्धा और विश्वास के साथ मां नर्मदा के प्रति विश्वास रखकर इस कलयुग में जो चाहा रखता है जो मन्नत मांगता है उसकी मन्नत पूरी होती है । आज भी कलयुग में भक्तों की मुरादे मानता पूरी हो रही है । एक ऐसा ही नजारा इंदौर बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग पर दिखा जहां 30 किलोमीटर घुटनों के बल चल कर मां नर्मदा के प्रति आस्था रखने वाले श्रद्धालु चंपालाल लोवंशी 48 वर्ष की उम्र में मां नर्मदा के तट अपनी मन्नत पूरी होने पर पहुंच रहे हैं । उनके पुत्र भगवान लोवंशी बताते हैं कि 10 वर्ष पूर्व वाहन अनुवाई के यहां इंदौर के एम वाय अस्पताल में डिलीवरी हुई थी जहां मेरा भांजा आयुष लोवंशी जिसके शरीर में खून की कमी एवं वजन मात्र 1 किलो 700 ग्राम था उस समय डॉक्टरों ने कहा था कि अब इन दोनों को भगवान ही बचा सकता है और 13 दिन तक आयुष को आईसीयू में रखा गया । उसी समय पिताजी ने मां नर्मदा से यह प्रार्थना की थी