सिवनी:- देश में डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता हैं क्योंकि डॉक्टर मरीजों की जान बचाते है| जिसका उदाहरण देश में कोरोना महामारी के समय पूरे देश में देखने को भी मिला जहा डॉक्टरों ने पूरा योगदान दिया है। लेकिन सिवनी जिले के जिला चिकित्सालय में आए दिन विवाद मारपीट जैसी घटना देखने और सुनने को मिल रही है|अगर डॉक्टर ही गुंडागर्दी जैसी हरकत करे तो डॉक्टर को भगवान नहीं शैतान का दर्जा दिया जाना चाहिए| रात्रि में ओपीडी कक्ष में अभद्रता करते हुए मरीजों के साथ मारपीट जैसी घटना देखने और सुनने को मिली| जब इस पूरे मामले की जानकारी पत्रकार को मिली तो तत्काल जिला चिकित्सालय में पहुंचकर घटना के बारे में जानकारी ली लेकिन नशे की हालत में डॉ प्रवीण सिंह ठाकुर और विजय डेहरिया द्वारा पत्रकार को जान से मारने की धमकी दी और मोबाइल छुड़ाकर मोबाइल को तोड़ कर पत्रकार के साथ मारपीट की गई। गुंडा गर्दी करते हुए मरीजों का इलाज करने की वजह मारपीट घटना का अंजाम देते है|