Ahoi Ashtami 2020: अहोई अष्टमी व्रत महत्व, क्यों दिया जाती है तारों को अर्घ्य | Boldsky

Boldsky 2020-11-06

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Ahoi Ashtami fast will be observed on November 8. Ahoi Ashtami is also known as Ahoi Eight. On this day, mothers fast for the longevity and well-being of their sons, from dawn to dusk i.e. twilight. The fast is opened in the evening after seeing the stars of the sky. Know the Ahoi Ashtami Vrat Mahatva in Hindi .

अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami) का व्रत (November) 8 नवंबर को मनाया जाएगा. अहोई अष्टमी को अहोई आठें के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन माताएं अपने पुत्रों की दीर्घायु और भलाई के लिए सुबह से लेकर शाम तक यानि गोधूलि बेला तक उपवास करती हैं. शाम को आकाश के तारों को देखने के बाद व्रत खोला जाता है.प्राचीन मान्यताओं के अनुसार बताया जाता है कि आकाश में तारों की संख्या को आज तक कोई गिन नहीं पाया है। इसी को देखते हुए माताएं तारों से ये प्रार्थना करती है कि मेरे कुल में भी इतनी ही संताने हो। जो मेरे कुल का नाम रोशन करें। और जिस प्रकार तारे आसमान में हमेशा के लिए विद्यमान रहते है, ठीक उसी प्रकार तारों की तरह की कुल की संतानों का नाम भी हमेशा के लिए संसार में विद्यमान रहें। यही वजह है कि माताएं इस दिन तारों को अर्घ्य देती है। एक अन्य कथा के अनुसार ऐसी मान्यता है कि आकाश के सब तारें होई माता की संतान है। इसलिए उन्हें अर्घ्य दिए बिना इस व्रत को पूरा नहीं माना जाता है। और ना ही अहोई अष्टमी निर्जल व्रत का पुण्य फल माताओं और उनकी संतानों को मिल पाता है।

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