2 अक्टूबर को गांधी जी की जयंती मनाई जाती है.गांधी जी, जिन्हें हम राष्ट्रपिता कहते हैं.उन्हें राष्ट्रपिता का दर्जा इसलिए प्राप्त है क्योंकि उन्होंने न केवल अहिंसा के पथ पर चलते हुए देश की आजादी की लड़ाई लड़ी, बल्कि हमें सादगी, सच्चाई, अहिंसा और सर्वधर्म समभाव की प्रेरणा भी दी. मगर वर्तमान दौर में गांधी जी केवल सरकारी दफ्तरों में दीवार पर फ्रेम की हुई तस्वीर में ही कैद होकर रह गए हैं. गांधीजी के सिद्धांत, उनकी सिखाई बातें हम लोगों ने भुला दी हैं.इसीलिए दफ्तरों में जो सरकारी कर्मचारी अपनी पीठ पीछे दीवार पर गांधी जी की तस्वीर लगाए रहता है, वह भी रिश्वतखोरी से बाज नहीं आता. इसलिए जरूरत इस बात की है कि गांधीजी को सिर्फ तस्वीरों में स्थान देने या उनकी जयंती पर उनको माला पहनाने के बजाय हम उनके सिद्धांतों को अपने जीवन में उतारे .तभी हमारा गांधी जयंती मनाना सार्थक होगा. देखिए इस मुद्दे पर कार्टूनिस्ट सुधाकर का नजरिया