चुनाव नजदीक आने पर कौन बन जाता है भ्रामक विज्ञापनदाता ,देखिए कार्टून सुधाकर की नजर से

Patrika 2020-07-20

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देश भर में 20 जुलाई से उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 लागू हो गया है .इस कानून के तहत घटिया समान बेचने वालों और भ्रामक विज्ञापन देने वालों को जेल की हवा खानी पड़ सकती है. घटिया समान बेचने वालों को 6 महीने की जेल या एक लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है . सरकार का यह कदम निश्चित तौर से उपभोक्ताओं के हितों को संरक्षण प्रदान करने वाला है और उपभोक्ता को और ताकतवर बनाने वाला है. इससे भ्रामक विज्ञापन देने और घटिया सामान बेचने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी, मगर जब एक वोटर को लुभावने वादे कर , तरक्की के सपने दिखाकर चुनाव जीत लिया जाता है, और फिर वादे पूरे नहीं किए जाते तो वोटर के पास 5 साल इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं रहता .अगर उसका चुना हुआ जनप्रतिनिधि नाकारा निकल जाए तो उसे पांच साल तक उस नेता को झेलना ही पड़ेगा. उस को बदलने के लिए अभी तक हमारे देश में कोई कानून नहीं बन पाया है. देखिए इस मुद्दे पर कार्टूनिस्ट सुधाकर का यह कटाक्ष

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