8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है . शिक्षा का , ज्ञान का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है.कहा जाता है कि ज्ञान ही वह चीज है जो जानवर और इंसान में फर्क करती है . एक शिक्षित मनुष्य सभी समाज के निर्माण में योगदान देता है. जिस देश के नागरिक शिक्षित होते हैं उस देश को तरक्की के पथ पर आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता . खास तौर से देश को चलाने वाले जन प्रतिनिधि शिक्षित और समझदार हों तो देश तेजी से विकसित होता है . मगर हमारे देश की यह विडंबना है कि राजनीती में बड़ी संख्या में बहुत कम पढ़े लिखे या निरक्षर नेता हैं . हमारे संविधान में अनपढ़ व्यक्ति को भी चुनाव लड़ने की छुट दी हुई है ,जिससे ऐसे लोग भी जीतकर शासन में आ जाते हैं और उन्हें विकास कार्य करवाने में अशिक्षा के कारन बहुत परेशानी आती है, और इससे विकास बाधित होता है,तथा देश पिछड़ता है . इसलिए बदलते दौर के साथ अब नियम कायदों में भी संशोधन होना चाहिए और सभी तरह के चुनाव लड़ने की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय होनी चाहिए ,जिससे शिक्षित लोग ही राजनीति में आयें और देश के विकास में अपनी भूमिका निभाएं . देखिये इस मुद्दे पर कार्टूनिस्ट सुधाकर का ये कार्टून