बीते दिनों पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन द्वारा रेल मंत्री पीयूष गोयल को लिखा गया पत्र सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था, जिसके बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे, तो वहीं कांग्रेस भी ताई के इस पत्र पर कटाक्ष करती नजर आ रही थी। आज सुमित्रा महाजन ने इस पर सफाई दी है, वहीं उन्होंने राजस्थान में चल रहे सियासी ड्रामे को कांग्रेस की अंदरूनी कलह बताया है और युवा नेतृत्व की उपेक्षा नहीं करने की सलाह भी कांग्रेस को दी है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का कहना है कि रेल मंत्री को कड़ा पत्र भेजने से पहले उन्होंने एक सुझाव देते हुए लिंक एक्सप्रेस के संबंध में पत्र भेजा था लेकिन उनके सुझाव वाले पत्र पर किसी तरह का विचार नहीं हुआ और लिंक एक्सप्रेस को बंद कर दिया गया, जिसकी वजह से उन्हें कड़े शब्द लिखकर पत्र लिखना पड़ा। सुमित्रा महाजन के मुताबिक कई बार छोटे-छोटे अधिकारी अपने स्तर पर निर्णय ले लेते हैं, जिसकी जानकारी मंत्री को नहीं मिल पाती है। ऐसे में पत्र के माध्यम से उन्हें जानकारी देना जरूरी था। ताई का कहना है कि कभी-कभी ध्यान आकर्षित करवाने के लिए चिकोटी भी खोलना पड़ती है वहीं उन्होंने इस पत्र के माध्यम से किया था। गौरतलब है कि बीते दिनों ताई ने रेल मंत्री को लिखे पत्र में कहा था कि वे अब दिल्ली में नहीं है, ऐसे में क्या इंदौर को उपेक्षा झेलनी पड़ेगी। वही कांग्रेस में चल रहे सियासी ड्रामे पर महाजन ने कहा कि वर्तमान समय युवा नेतृत्व की क्षमता को पहचानने का है। भाजपा ने युवाओं को अपनी क्षमता दिखाने का मौका दिया है कांग्रेस को भी इस विषय पर मंथन करना चाहिए। वहीं उन्होंने राजस्थान कांग्रेस में हो रही उठापटक को अंदरूनी कलह बताया है।