राजस्थान में चिकित्सा विभाग द्वारा बुधवार से प्रदेश व्यापी शुद्ध के लिए युद्ध अभियान शुरू किया गया .यह अभियान 14 जुलाई तक चलेगा. इस बार इस अभियान में दूध और दूध से बने उत्पादों पर खास फोकस किया जाएगा प्रदेश भर में चिकित्सा विभाग के अधिकारी डेयरी उत्पादों जैसे दूध, घी, मावा, पनीर, मक्खन और मिठाइयों के नमूने लेंगे. इन नमूनों की प्रयोगशाला में जांच की जाएगी और किसी भी प्रकार की मिलावट होने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि इस अभियान में संभागीय स्तर पर स्थापित फूड टेस्टिंग लैबोरेट्रीज की मदद भी ली जाएगी. जनता की सेहत का ध्यान रखते हुए राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जाता है, मगर कई बार इन अभियानों की इमानदारी से पालना होने पर सवाल उठते हैं .ऐसी खबरें सामने आती रहती हैं जिनमें अधिकारियों और मिलावटखोरों की आपसी मिलीभगत से मिलावट करने वाले बच निकलते हैं. यदि अभियान में शामिल सरकारी तंत्र की नियत में मिलावट ना हो, तो ऐसे अभियान निश्चित रूप से आम जनता के लिए फायदेमंद साबित होंगे और मिलावट खोरी पर अंकुश लगेगा. देखिए इस मुद्दे पर कार्टूनिस्ट सुधाकर का नजरिया