पीएम नरेंद्र मोदी ने भले ही 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की हो। लेकिन मजदूरों को आज भी राहत नहीं है। वे अब भी पैदल सड़कों पर हैं। भूखे हैं, पैरों में छाले हैं। पीएम के पैकेज को दुनिया का सबसे बड़ा राहत पैकेज बताया जा रहा है, लेकिन मजदूरों को सड़कों से उनके घर पहुंचा दिए जाना अब भी मुश्किल नजर आ रहा है। माकपा नेता सीताराम येचुरी भी कह चुके हैं कि राहत पैकेज से ज्यादा जरूरी मजदूरों की हालत पर नजर डालना था। पीएम मोदी ने अब तक पैदल पलायन पर चुप्पी साध रखी है।