मजदूर दिवस पर झारखंड के मजदूरों को राहत, चलाई विशेष ट्रेन

Patrika 2020-05-01

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जयपुर। मजदूर दिवस पर झारखंड के मजदूरों को राहत मिली है। लॉकडाउन के दौराना तेलंगाना में फंसे प्रवासी मजदूरों को आज एक स्पेशल ट्रेन से झारखंड के लिए रवाना किया गया। देश में 24 मार्च से लागू हुए लॉकडाउन के बाद यह देश में यह पहली ट्रेन शुरू की गई है। इसके जरिए 1200 मजदूर अपने घर पहुुंचेंगे। आपको बता दें कि देशभर के राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर इस समय संकट में हैं। सड़कों पर पैदल अपने राज्यों की ओर जा रहे मजदूरों को लेकर अब केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अपने स्तर पर इन्हें अपने घर भेजने की नीति पर काम करने की छूट दी है। इसके बाद हैदराबाद रेलवे स्टेशन से तेलंगाना में फंसे 1200 प्रवासी मजदूरों को उनके घर के लिए रवाना किया गया। इससे पहले रेलवे स्टेशन, ट्रेन को सेनेटाइज किया गया और ​कुछ अधिकारियों की निगरानी में इस ट्रेन में मजदूरों को रवाना किया गया। यह विशेष ट्रेन तेलंगाना के हैदराबाद से झारखंड के हटिया स्टेशन तक जाएगी। 24 कोट की इस ट्रेन की हरेक बोगी में 72 यात्री बैठ सकते हैं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक बोगी में 54 से ज्यादा यात्रियों को नहीं बैठाया गया।
रेलवे स्टेशन पर इन मजदूरों के चेहरों पर घर जाने की खुशी दिखाई दे रही थी। आपको बता दें यह ट्रेन रात 11 बजे अपने अंतिम स्टेशन हटिया पहुंच जाएगी।
मजदूरों को ट्रेन में बैठने से पहले चिकित्सा कर्मचारियों ने कोरोना महामारी से बचने के उपाय बताए, साथ ही अपने घर जाने के बाद 14 दिन तक अकेले रहने की हिदायत भी दी गई है। इस दौरान वे किसी से मिलजुल नहीं सकेंगे और ना ही परिवार के लोगों के साथ बैठेंगे। इसके लिए सूचीबद्ध इन यात्रियों की जानकारी स्थानीय चिकित्सा कर्मचारी दे दी गई है, जो समय—समय पर इनके क्वारंटीन की जांच करेंगे। वहीं झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने भी इन प्रवासी मजदूरों के क्वारंटीन की व्यवस्था की है।
इस विशेष ट्रेन के चलने के साथ ही अन्य राज्यों के मजदूरों की उम्मीद भी बंधी है। इसी बीच बिहार में मजदूरों से लेकर छात्र भी कई राज्यों में फंसे हैं। उन्हें बिहार बुलाने के लिए राज्स सरकार ने साफ इंकार कर दिया है। उन्हें वापस लाने में असमर्थता भी जाहिर कर दी है। इसे लेकर नीतिश सरकार की आलोचना हो रही है। कई राज्यों में छात्र भूख हड़ताल पर हैं, लेकिन इस पर भी राज्य सरकार ने उन्हें प्रवेश देने से मना कर दिया है। नीतीश कुमार का कहना है कि बिहार के पास इतनी बसें नहीं कि हर राज्य से मजदूरों और छात्रों को लाया जा सके। इस पर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा है कि हम सरकार को 2000 बसें देने को तैयार हैं। सरकार स्वास्थ्यकर्मियों, प्रशासनिक और नोडल अधिकारियों की निगरानी में इन बसों का प्रयोग कर सकती हैं। तेजस्वी यादव का कहना है कि सरकार को वाहन हम उपलब्ध कराने को तैयार है, फिर भी सरकार छात्रों और मजदूरों को बिहार नहीं लाना चाहती।

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