न्याय के देवता शनिदेव कल यानि 11 मई से वक्री होंगे यानि उल्टी चाल चलने लगेंगेे। शनि करीब 142 दिन तक अपनी स्वराशि मकर में वक्री होकर उलटी चाल चलेंगे। 13 मई को शुक्र भी वृषभ राशि में वक्री हो जाएंगे ये दोनों ग्रह अपनी-अपनी राशि में वक्री रहेंगे। इसके बाद 14 मई को गुरु भी वक्री हो जाएगा। मई महीने में चार दिन में तीन ग्रह वक्री हो रहे हैं। वक्री होने का अर्थ यह है कि ये ग्रह अपनी स्वभाविक चाल के विपरीत चलेंगे यानी उलटी चाल में चलेंगे और यह तमाम राशियों पर अच्छा या बुरा प्रभाव डालेंगे।
अगले कुछ दिनों में 9 में से 6 ग्रह एक साथ वक्री रहेंगे। तीन बड़े ग्रह शनि, गुरु और शुक्र के वक्री रहने के बाद कुछ दिन बाद बुध भी वक्री हो जाएगा। जबकि राहु-केतु हमेशा वक्री चाल में रहते हैं। इस तरह एक निश्चित समय के लिए 6 ग्रह एक साथ वक्री रहेंगे।
ये एक दुर्लभ संयोग बनेगा। ऐसा बहुत ही कम होता है, जब एक साथ 6 ग्रह वक्री रहते हैं। ग्रहों की इन स्थितियों के प्रभाव से दुनियाभर में फैली कोराना वायरस की महामारी पर भी असर नजर आएगा। अर्थव्यवस्था में भी सुधार होने के योग बन रहे हैं।