शनि की ज्योतिष शास्त्र में बड़ी भूमिका होती है। शनि की चाल में परिवर्तन से बड़ा उथल-पुथल होने लगता है। ग्रहों के न्यायाधीश का दर्जा प्राप्त करने वाले शनि 11 मई को मकर राशि में वक्री हो रहे हैं। मकर राशि शनि कि स्वयं की राशि है। शनि के वक्री होने के एक दिन बाद ही 13 मई को सुख और ऐश्वर्य प्रदान करने वाले शुक्र भी वृष राशि में वक्री होगा। वृष राशि भी शुक्र ग्रह की स्वयं की राशि है। 14 मई को शुभ ग्रह गुरु भी वक्री होंगे। इसके कुछ दिनों बाद 9 में से 6 ग्रह वक्री अवस्था में रहेंगा। 6 ग्रहों के एक साथ व्रकी होना एक दुर्लभ संयोग है।आपको बता दें कि तीन बड़े ग्रह शनि, गुरु और शुक्र के वक्री रहने के बाद कुछ दिन बाद बुध भी वक्री हो जाएगा। जबकि राहु-केतु हमेशा वक्री चाल में रहते हैं। इस तरह एक निश्चित समय के लिए 9 ग्रहों में से छह ग्रह एक साथ वक्री में रहेगा।