To burn incense sticks, start by lighting the end of an incense stick using a lighter or a match. Then, let the end of the stick burn for about 10 seconds before gently blowing out the flame. When you blow out the flame, the end of the stick should be glowing red and smoking.
बंद कमरे में अगरबत्ती नहीं जलाना चाहिए, इससे धुएं की सान्द्रता बढ़ जाती है, और फेफड़ों पर ज्यादा असर होता है । ऐसी मान्यता है कि बास की लकड़ी को जलाकर जलाकर भोजन भी नहीं बनाना चाहिए, दाह संस्कार में भी बांस का नहीं जलाते, फिर बांस से बनी अगरबत्ती को भगवान कैसे प्रसन्न हो सकते है । शास्त्रो में पूजन विधान में कही भी अगरबत्ती का उल्लेख नहीं मिलता सब जगह धुप ही लिखा हुआ मिलता है, अगरबत्ती केमिकल से बनाई जाती है भला केमिकल या बांस जलने से भगवान खुस कैसे हो सकते है । हिन्दू धर्म में लोग बड़ी ही श्रद्धा भावना के साथ पूजा पाठ एवं तीज त्यौहारों मनाते पर बास की लकड़ी से बनी अगरबत्ती का प्रयोग करने से मनवांछित फल नहीं मिल पाता । बांस की लकड़ी का धुंआ हमारी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है, इसीलिए पुराने लोगों ने कहा कि बांस को जलाने से कुल वंश जलता है, इसलिए बास को जलाना अर्थात अपना वंश जलाना ।
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