Aarti is performed after we finish our prayers or any auspicious rituals. It is performed to please the Divine Lord and to rectify any mistakes made during the whole process. Aarti is basically represent completion of our prayers. Watch here Jyotishacharya Ajay Dwivedi ji talking about the correct way to do aarti. Watch the video to know more.
हमारे हिन्दू धर्म में आरती एक महत्त्वपूर्ण कर्म है। कोई भी पूजा बिना आरती के संपन्न नहीं होती है। इसलिए आरती पूजा में विशेष स्थान रखती है। दरअसल कहा जाता है कि पूजा के आखिर में आरती इसलिए की जाती है जिससे भगवान से पूजा के दौरान हर गलती के लिए क्षमा मांग ली जाए। लेकिन आरती पूजा का एक प्रमुख भाग होता है। यही नहीं आरती के दौरान भी कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है। आइए आज आचार्य अजय द्विवेदी जी से जानते हैं क्या है आरती करने का सही तरीका...
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