In Sanatan Dharma, many fasts have been told for the welfare of human life. According to religious scriptures, it is very important to take care of rules, restraint and holy conduct in these fasts. Each fast should be performed with complete purity. Especially for women, it is said that women should not worship or perform any religious rituals during menstruation. Also God and any worship material should not be touched. But sometimes a situation arises when women do not understand what to do. Karva Chauth is fasting on 13th October. This fast comes once in a year. Suhagin women wait for this fast throughout the year. In such a situation, if the periods start, then women get upset thinking whether to worship or not. So let's know how to worship in such a situation.
सनातन धर्म में मानव जीवन के कल्याण के लिए कई व्रत बताए गए हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार इन व्रतों में नियम, संयम और पवित्र आचरण का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। प्रत्येक व्रत को पूरी पवित्रता के साथ करना चाहिए। खास तौर पर स्त्रियों के लिए कहा जाता है कि मासिक धर्म यानी पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पूजा पाठ या कोई धार्मिक अनुष्ठान नहीं करना चाहिए। साथ ही भगवान और किसी भी पूजा सामग्री को भी नहीं छूना चाहिए। लेकिन कई बार ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है, जब महिलाओं का समझ नहीं आता कि वो क्या करें। 13 अक्टूबर को करवा चौथ व्रत है। ये व्रत साल में एक बार आता है। सुहागिन महिलाएं इस व्रत का साल भर इंतजार करती हैं। ऐसे में यदि पीरियड्स शुरू हो जाएं तो महिलाएं ये सोच कर परेशान हो जाती हैं कि पूजा करें या नहीं। तो चलिए जानते हैं कि ऐसी स्थिति में पूजा कैसे की जाए
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