No Confidence Motion: Mohammed Salim speech in lok sabha
देश की संसद वो जगह है, जहां पर चर्चा और बहस का स्तर ऐसा होना चाहिए जो लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती प्रदान करे। जो मुद्दे या विषय हमारे निर्वाचित जनप्रतिनिधि उठाएं, उनमें समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के उत्थान की बात हो। विकास की नई ऊंचाइयां छूने की नीतियों पर चर्चा हो तो गरीब से गरीब के मूलभूत अधिकारों की सुरक्षा की बात हो। सामाजिक ताने-बाने, सौहार्द को ना केवल बरकरार रखने बल्कि उसे बढ़ाने के प्रयासों पर भी चर्चा हो। लेकिन पिछले कुछ सालों में संसद का मतलब हंगामा हो गया है।