मन में अटूट श्रद्धा, हाथों में गंगाजल और शरीर पर भगवा वस्त्र। हजारों भक्तों का सैलाब देवघर में उमड़ रहा है। साहिबगंज से देवघर तक 105 किलोमीटर का सफर पैदल तय करने वाले कांविरये जब बाबाधाम में प्रवेश करते हैं तो जयकारों और भक्तिमय गीत-संगीत के बीच सारी थकान दूर हो जाती है। गोड़ियारी नदी भी उनकी थकान मिटाकर भोले की भक्ति में भागीदार बन रही है। बोल बम हर दिशा में गूंज रहा है।