आमतौर गेंद से कमाल करते रहने वाले टीम इंडिया में ‘सर जडेजा’ के नाम से चर्चित रवींद्र जडेजा ने मोहाली टेस्ट में सोमवार को बल्ले से भी कमाल किया। उन्होंने मोहाली टेस्ट मैच में अपने टेस्ट करियर की तीसरी फिफ्टी लगाई। इससे पहले वो टीम इंडिया की ओर से 22 टेस्ट मैच खेलकर महज दो फिफ्टी ही लगा पाए थे। ऐसे में मोहाली टेस्ट मैच में जडेजा ने जब अपनी तीसरी फिफ्टी और करियर का सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर (90 रन) बनाया, तो जश्न तो बनता ही था और उन्होंने ऐसा ही किया। रवींद्र जडेजा ने मोहाली में फिफ्टी का जश्न पहले दाएं हाथ की कलाई को तलवार के अंदाज में घुमाकर मानाया, फिर बल्ले को तलवार की तरह भांजने लगे। दिन का खेल खत्म होने पर प्रेस वार्ता में जब रविंद्र जडेजा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये राजपूतों के सेलिब्रेशन का ट्रेडमार्क स्टाइल है। भारत के आॅलराउंडर रवींद्र जडेजा गुजरात के सौराष्ट्र से ताल्लुक रखते हैं। राजपूत घराने में पैदा होने के कारण तलवारबाजी और घुड़सवारी रवींद्र जडेजा के खून में। उन्हें तलवारों का कलेक्शन रखने और घुड़सवारी का भी शौक है। वह अधिकतर मौकों पर क्रिकेट फील्ड पर भी अपने बल्ले को जश्न मनाने के लिए तलवार की तरह इस्तेमाल करते हैं और कोई अच्छी पारी खेलने पर बल्ले से ही तलवारबाजी का करतब दिखाते हैं।