अंतिम संस्कार के लिए दलित को 'दो गज़ जमीन' भी नसीब नहीं

Dainik Jagran 2016-08-12

Views 181

देश में दलितों पर हो रहे अत्याचार को लेकर सियासत में उठा-पटक मची हुई है। कभी दलितों की हत्या तो कभी उनके साथ मारपीट की कई घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं। इस बीच मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में दलित के साथ अत्याचार का एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे इंसानियत शर्मसार हो गई है। मुरैना जिले के अंबाह क्षेत्र के गढ़ी गांव में कुछ दबंगों ने श्मसान घाट की जमीन पर कब्जा कर लिया जिस कारण दलित को अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करने के लिए जमीन नहीं मिली। अहमदाबाद में रिक्शा चलाने वाले बबलू की पत्नी संगीता की आठ अगस्त को बामारी के कराण मौत हो गई थी। बाद में वो नौ अगस्त की सुबह पत्नी का शव लेकर अपने पैतृक गांव पहुंचा। दलित परिवार के बुजुर्ग ने गांव के लोगों से अनुरोध किया कि कोई खाली पड़े खेत में बहू के अंतिम संस्कार करने की अनुमति दे दी जाए। लेकिन सबने उसे दुत्कार कर भगा दिया। इस दौरान उसकी पत्नी का शव 36 घंटे घर में ही रखा रहा। रसूखदारों ने अंतिम संस्कार के लिए श्मशान भी नहीं छोड़ा। अंत में जब पत्नी के अंतिम संस्कार के लिए बबलू को कहीं भी जगह नहीं मिली तो थक हारकर उसे अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार अपने घर के सामने ही करना पड़ा।

Share This Video


Download

  
Report form
RELATED VIDEOS