पारबॉइल्ड राइस को उबला चावल या उसना चावल के नाम से भी जाना जाता है। बिहार, बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों में आज भी पारबॉइल्ड राइस ही खाया जाता है। अन्य बासमची और सफेद चावलों की अपेक्षा में पारबॉइल्ड राइस सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। दरअसल, पारबॉइल्ड राइस को बनाने के लिए धान को भूसी निकालने से पहले ही पानी में उबाला जाता है। इसके तीन मुख्य स्टेप्स में इन्हें धोना, स्टीम करना और ड्राई करना शामिल होता है। इस चावल को तैयार करने के लिए धान की भूसी निकलने से पहले इसे उबाला जाता है। इसके बाद भाप में इसे पकाया जाता है। फिर इसे सुखाकर इसकी भूसी निकाली जाती है। अंत में पारबॉइल्ड राइस तैयार होकर बाहर निकलता है। भूसी के साथ उबाले जाने की वजह से इन चावलों में पोषक तत्वों की मात्रा ज्यादा होती है। डाइटिशियन मनप्रीत कालरा का कहना है कि पारबॉइल्ड राइस का सेवन करने से वजन घटाने और डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
How to Make Parboiled Riceboiled rice or parboiled rice Also known as. Even today, parboiled rice is consumed in states like Bihar, Bengal and Odisha. Parboiled rice is considered more beneficial for health than other basmachi and white rice. Actually, to make parboiled rice, the paddy is boiled in water before removing the husk. Its three main steps include washing, steaming and drying. To prepare this rice, it is boiled before removing the husk from the paddy. After this it is cooked in steam. Then it is dried and its husk is removed. Finally the parboiled rice comes out ready. Due to being boiled with husk, the amount of nutrients in this rice is high. Dietician Manpreet Kalra says that consuming parboiled rice helps in weight loss and controlling diabetes.
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