देव दिवाली का महापर्व देवउठनी एकादशी के दिन से आरंभ हो जाता है और इसका समापन कार्तिक पूर्णिमा के दिन होता है। देव दिवाली के दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है, लेकिन अगर आप गंगास्नान नहीं कर सकते हैं, तो स्नान के पानी में गंगा जल मिलाकर नहाएं। ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति हो सकती है। देव दिवाली के दिन दीये जलाने की भी परंपरा है। ऐसा कहा जाता है कि देव दिवाली के दिन दीपदान करने से भगवान शिव और भगवान विष्णु के साथ पितृ भी बेहद प्रसन्न होते हैं और सुख-ऐश्वर्य की कामना भी करते हैं। वीडियो में देखें देव दिवाली पर कब, कहां और कितना दीया जलाना चाहिए ?
The great festival of Dev Diwali starts from the day of Devuthani Ekadashi and ends on the day of Kartik Purnima. Taking bath in Ganga on the day of Dev Diwali has special significance, but if you cannot take bath in Ganga, then take bath by mixing Ganga water in the bath water. By doing this one can attain eternal virtue. There is also a tradition of lighting lamps on the day of Dev Diwali. It is said that by donating a lamp on the day of Diwali, the ancestors along with Lord Shiva and Lord Vishnu become very happy and wish for happiness and prosperity. Watch Video and Know Dev Diwali 2023: Dev Diwali Par Kab, Kaha Aur Kitna Diya Jalana Chahiye ?
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