साल 1980 में श्याम नारायण सिन्हा अपनी पुस्तक 'रानी लक्ष्मीबाई ऑफ झांसी' (Rani laxmi bai) में लिखते (Jhansi ki rani) हैं, "घायल अवस्था में रानी लक्ष्मीबाई (Rani Laxmibai's last day) के सहयोगी उन्हें बाबा गंगादास (Baba ganga das) की एक कुटिया में ले आये। साधू ने उन्हें पहचानकर पवित्र गंगाजल उनके मुंह में डाल दिया। रानी ने 'हर हर महादेव' बोला और अचेत हो गई। उन्होंने अंग्रेजों को अपने गढ़ पर कब्जा नहीं करने दिया था। आज हम आपको बताएंगे कि उनका अंतिम संस्कार कैसे हुआ (Story of rani laxmi bai) और उस दिन क्या हुआ था।
Baba Gangadas, Rani Laxmibai,Rani Laxmibai story, Rani Laxmibai last day, last day of Rani Laxmibai, kaun thi Rani Laxmibai, rani laxmi bai full story, Who is Baba Gangadas, Funeral of Rani Laxmibai, Rani of Jhansi, Funeral of Rani Laxmibai, Rani of Jhansi, Gwalior, बाबा गंगादास, कौन हैं बाबा गंगादास, रानी लक्ष्मीबाई का अंतिम संस्कार, झांसी की रानी, ग्वालियरबाबा गंगादास, रानी लक्ष्मीबाई, कौन हैं बाबा गंगादास, oneindia Plus, वनइंडिया प्लस
#RaniLaxmiBai #Ranilaxmi #Ranilaxmibai #RaniLaxmibailastday #WhoisBabaGangadas #Jhanikirani
~HT.98~PR.85~GR.124~